Maha Mrityunjaya Mantra
oṃ tryambakaṃ yajāmahe sugandhiṃ puṣṭivardhanam।
urvārukamiva bandhanān mṛtyormukṣīya māmṛtāt॥
I worship that fragrant Shiva of three eyes, the one who nourishes all living entities. May he help us severe our bondage with samsara by making us realise that we are never separated from our immortal nature.
ॐ त्र्यम्बकं यजामहेसुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
हम त्रिनेत्र धारी शिवकी आराधना करते हैं, जो अपनी शक्ति से संसार का पालन करतें हैं। उनसे प्रार्थना है कि वे हमें जीवन व मृत्यु के बंधन से मुक्त करे और हमें दिखा दे कि हम कभी भी अपनी अमर प्रकृति से अलग नहीं होते हैं॥
Rigved 7.59.12
Pavamana Mantra
Om asato ma sadgamaya | Tamaso ma jyotir gamaya ||
Mrtyor ma amrtam gamay Om shanti shanti shanti
Lead me from the untruth to the truth. Lead me from darkness to light. Lead me from death to immortality Om Peace Peace Peace.
ॐ असतो मा सद् गमय
तमसो मा ज्योतिर् गमय
मृत्योर् माम्रतं गमय
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः
हे प्रभु! मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो।
मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले चलो। मुझे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो॥
Bṛhadāraṇyaka Upaniṣad (1.3.28.)
Peace Mantra
Om Sarve Bhavantu Sukhinah। Sarve Santu Nir-Aamayaah।
Sarve Bhadraanni Pashyantu। Maa Kashcid-Duhkha-Bhaag-Bhavet॥
Om Shaantih Shaantih Shaantih॥
Om, May All be Happy.
May All be Free from Illness.
May All See What is Auspicious.
May no one Suffer.
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु। मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥
Om ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
हे प्रभु : सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी का जीवन मंगलमय बनें और कोई भी दुःख का भागी न बने।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
Brihadaranyaka Upanishad verse 1.4.14
Experience the healing power of mantra chanting
are Krishna, Hare Krishna, Krishna Krishna, Hare Hare.
Hare Rama, Hare Rama, Rama Rama, Hare Hare.